Stammering
हम क्यों हकलाते है
आम व्यक्ति अपनी बात को प्रभाव के साथ बोल देता है लेकिन यदि आपकी बोली में कोई रुकावट या ठहराव या झटका देके बोलना या बोलने में कोई बाधा आ रही है उसे हम हकलाना बोलते हैं
यह रुकावट कई तरह की हो सकती है जैसे अपनी बात को खींच के बोलना अनावश्यक बातें बोलना, मुख्य बात को ना बोल पाना, बोलने में ज्यादा समय लगाना ,उत्तेजित होकर बोलना ,साथ में अपने शरीर का अकड़ जाना ,आंखें और मुंह को बिगाड़ना आदि
हकलाना बीमारी नहीं है एक आदत है जो गलत तरीके से बोलने की आपको लग चुकी है यह आदत कई कर्म से हो सकती है जिसका में नीचे विस्तार से बात करूंगा उनमें से एक कारण आपका भी होगा
किसी एक या एक से अधिक कर्म की वजह से आपका श्वास छोटा हो गया, जिसके कारण आप रुक-रुक कर बोलने लगे आप चाहते हैं कि आप और लोगों की तरह ही बोल या अपनी बात बहुत जल्दी खत्म कर दे जिसके कारण आप जल्दी बोलने लग जाते हैं और अपनी बात बहुत जल्दी बोलकर खत्म करना चाहते हैं इसका एक कारण यह भी होता है कि आप अपनी बात को जल्दी बोल कर बता देना चाहते हैं और आपको यह ज्ञान नहीं होता है कि आपका श्वास छोटा है इसलिए आप उस छोटे श्वास में ही ज्यादा शब्द बोलने की कोशिश करते हो, आप बहुत स्पीड में बहुत ज्यादा शब्द बोलने की कोशिश में अटक कर बोलने लग जाते हो इस अटकने को ही हकलाना कहते हैं और इसी कारण से आप हकलाने की शुरुआत करते हैं अब इसमें देखा जाए तो एक बात समझ में आती है कि, मुझे धीरे बोलना है और अपने श्वास को लंबा करना है, लेकिन अब हमारी आदत अट के बोलने की लग चुकी है इसे ठीक करने के लिए आपका लेवल देखा जाता है कि, आप किस लेवल पर हकलाते हो उसके बाद आपके श्वास, आपकी स्पीड और आपके मानसिक डर को खत्म किया जाता है
इसके लिए आपको पहले दो लोगों के साथ, उसके बाद कई लोगों के साथ बात करने का अभ्यास करवाया जाता है, ग्रुप डिस्कशन और फिर स्टेज पर बोलने की भी आपको आदत डाली जाती है कि आपके मन में कोई भय ना रहे, इस अभ्यास में समय लगता है और धैर्य रखना पड़ता है ,इस सब के बाद हमारी संस्था आपको ठीक करने की गारंटी लेती है
हकलाने के कारण क्या है
आपके हकलाने की वजह के कई कारण हो सकते हैं लेकिन देखा गया है की मुख्य कारण होता है आपके श्वास का छोटा होना, यह किसी लंबी बीमारी या कमजोरी के कारण हो सकता है इसके बाद आप अटक अटक के बोलने लगते हो और आपको पता ही नहीं चलता की आप को कब हकलाने की आदत लग है यह स्थिति 4 से न9 साल तक के बच्चे में देखी गई है
जब बच्चा डरा सहमा रहता हो, इसका कारण हो सकता है कि घर में या स्कूल में बच्चे के मन में असुरक्षा का भाव हो ,उसके टीचर का कठोर होना हो सकता है ,स्कूल में उससे बड़े बच्चों का उस पर हावी होना भी हो सकता है, घर पर माता-पिता का बहुत ज्यादा कठोर नियंत्रण हो सकता है, उनका बात-बात पर उसको पीटना और डांटना भी हो सकता है
जब बच्चा खेल कर आता है या दौड़कर आता है तब वह अपनी बात बहुत जल्दी-जल्दी बोलता है तब वह अपनी छोटी श्वास में ज्यादा बोलने और स्पीड से बोलने की कोशिश में अटक अटक कर बोलने लग जाता है
माता-पिता में से दोनों का घर से बाहर रहने पर बच्चों को कामवाली के भरोसे छोड़ जाते हैं ,उस कामवाली का बच्चों के प्रति कठोर नियंत्रण या मारपीट के कारण बच्चा डरा सहमा रहता है और वह डर की वजह से अटक अटक के बोलने लग जाता है
घर या पड़ोस में कोई हकलाता हो, बच्चों की आदत होती है नकल करने की, नकल करते-करते वह कब इसको आदत बना लेता है माता-पिता को पता ही नहीं चलता और उस आदत की वजह से वह हकलाने लग जाता है
सारांश में हम कह सकते हैं कि अटक अटक के बोलने के मुख्य कारण है श्वास का छोटा होना,हकलाने वाले व्यक्ति की नकल करना, जल्दी-जल्दी बोलना और कोई कमजोरी होना होता है
मेरा लेवल क्या है
हमारी संस्था में सबसे पहले यह देखा जाता है की हकलाने में आप किस लेवल पर हो
लेवल 1
इस लेवल में आप बहुत काम अटक अटक के बोलते हो जहां पर आपको समस्या दिखाई देती है वहां पर आप अपने शब्दों को बदल देते हो जैसे दस को टेन बोल देना, यह तरीका बिल्कुल भी ठीक नहीं है क्योंकि इससे आपका कॉन्फिडेंस नहीं आता है जहां पर आपको इस तरह के शब्द नहीं मिलेंगे आप फस जाओगे और आपको शर्मिंदगी महसूस होगी
लेवल 2
इस लेवल में आप अपने मन में कुछ शब्दों को छांट लेते हो की इन पर में अटकता हूं और उसके अकॉर्डिंग ही आप बात करने की कोशिश करते हो जब आपके सामने यह शब्द आते हैं तो आप अटकने लगते हो यह आप अपने अपने दिमाग में साइकोलॉजी बना ली है यह गलत है क्योंकि हकलाना , साइकोलॉजी का ही परिणाम है जितना ज्यादा सोचोगे ,जितना ज्यादा इस तरह का कोशिश करोगे आप ज्यादा हकलाना शुरू कर देते हो
लेवल 3
अधिकतर लोग गाना गाते समय नहीं हकलाते हैं लेकिन जिनको बहुत ज्यादा समस्या होती है वे गाना गाते समय भी हकलाते हैं
इनके लिए ज्यादा समय देने की जरूरत होती है ज्यादा प्रैक्टिस करने की जरूरत होती है लेकिन यह लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं
हकलाना कैसे सही होगा
इस समय आप हमारी वेबसाइट पर हो, सबसे पहले इस बात के लिए ईश्वर का धन्यवाद कहना चाहिए कि आप सही जगह पर हो
हमारी संस्था आपकी गारंटी लेती है कि आप पूरी तरह से सही हो जाओगे जरूरत है आपके मेहनत और लगन की जितनी ईमानदारी से आप मेहनत करोगे सीखना चाहोगे उतना जल्दी आप ठीक हो जाओगे इसके लिए कोई समय सीमा नहीं है कुछ लोग 15 दिन में ही अपने आप में बहुत अच्छी तरह से बोलने लग जाते हैं कुछ लोग जो यहां से जाने के बाद घर पर प्रेक्टिस नहीं करते हैं उन्हें समय लगता है लेकिन हम आपको यकीन दिलाना चाहते हैं एक बार आप कंपलीट कोर्स कर लोगे और सभी शर्तों को पूरा करोगे तो हमारी संस्था आपको 100% गारंटी देता है यदि आपने पूरा कोर्स किया और कोर्स पूरा करने के बाद आपसे पूछा जाएगा की आपको लगता है कि यह कोर्स करने के बाद आपको फायदा हुआ है यदि आप यह बोलते हो कि आपको कोई फायदा नहीं हुआ है तो हम आपके फीस वापस कर देंगे